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ऐतिहासिक लक्ष्मी तालाब के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए एनजीटी के आदेश

कलाम कुरैशी मंडल ब्यूरो चीफ झाँसी

ऐतिहासिक लक्ष्मी तालाब के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए एनजीटी के आदेश का अनुपालन कराने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंची प्रशासन तथा पुलिस की टीम को तीसरी बार भारी विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा। दरअसल, एनजीटी के आदेश का अनुपालन कराने के लिए जिला प्रशासन ने लक्ष्मी तालाब के आसपास के 16 स्थान तालाब की भूमि पर कब्जे वाले पाए हैं। इनमें 500 वर्ष पुरानी खाकी शाह की रानी लक्ष्मीबाई के जमाने की मजार तथा कई मंदिर भी शामिल है। इसके पहले भी दो बार जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल तथा पीएसी आदि को लेकर बुलडोजर के साथ धार्मिक स्थानों को हटाने के लिए गई थी, लेकिन भारी विरोध के चलते उसे बैरंग लौटना पड़ा था। इसके बाद दोबारा धार्मिक स्थानों को हटाने के लिए टीम पहुंची, लेकिन सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने प्रशासन की टीम का विरोध शुरू कर दिया और बुलडोजर के आगे लेट गए। दूसरी बार भी प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा। आज भी पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ जेसीबी मशीन लेकर एक बार फिर धार्मिक स्थानों को हटाने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें फिर से जन विरोध का सामना करना पड़ा। स्थिति यह हुई कि दर्जनों की संख्या में लोग जेसीबी मशीन के आगे लेट गए। इस बीच पुलिस ने नगर निगम की टीम की मदद से वहां खड़ी गाड़ियों को उठाकर ले जाना शुरू कर दिया, जिससे लोगों का आक्रोश और भड़क उठा। भारी विरोध को देखते हुए प्रशासन को एक बार फिर बैरंग लौटने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि इस बार जिला प्रशासन आखरी चेतावनी के रूप में 31 जनवरी तक खुद ही संबंधितों को कब्जा हटाए जाने की चेतावनी जरूर दे गया।


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