
11 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा एवं विशाल मेले का आयोजन

11 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा एवं विशाल मेले का आयोजन
झाँसी। जनपद के बरुआसागर स्थित सिद्धपीठ मंसिल माता मंदिर पर 11 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ, 21वीं श्रीमद् भागवत कथा एवं विशाल मेले का आयोजन किया गया। 26 सितंबर दिन सोमवार को विशाल कलश यात्रा के बाद श्री राम यज्ञ प्रारंभ हुआ अगले दिन 27 सितंबर से सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का वाचन शुरु हुआ। इस भागवत कथा की विशेषता यह रही कि कथा वाचक के रूप में 7 वर्षीय भागवताचार्य राधा स्वरूपा महक देवी जी उपस्थित रहीं। भागवत कथा में भगवत गीता के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला गया और जीवन में उनकी महत्वता को समझाया गया भागवताचार्य महक देवी ने कहा श्रीमद भगवत गीता ही एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें सृष्टि के सम्पर्ण आध्यात्मिक पक्षों का समावेश किया गया है। वेदों और उपनिषदों से लेकर शंकराचार्य तक के सभी मतों व मान्यताओं का सार इसमें समाहित है, इसमें संग्रहित सात सौ श्लोक सप्त महाद्वीप के समान गंभीर है। कथा के अंतिम दिन समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी भागवत कथा सुनने पहुँचे, जहाँ उन्होंने भागवताचार्य महक देवी को शॉल उड़ाकर सम्मानित किया। गीता की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए संदीप सरावगी ने कहा गीता के नियमित पाठ से हमारा मन शान्त रहता है, हमारे अंदर के सारे नकारात्मक प्रभाव नष्ट होने लगते हैं, सभी प्रकार की बुराइयों से दूरी स्वतः बनने लगती है और हमारे अंदर का सारा भय दूर हो जाता है जिससे हम निर्भय बन जाते हैं। समय-समय पर श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करते रहना चाहिये। इस दौरान संघर्ष सेवा समिति से संजय रेजा, निखिल गुप्ता, राजू सेन, बसंत गुप्ता, संदीप नामदेव, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार आदि उपस्थित रहे।