
भारतीय संस्कृति को एक नए रूप से सब के सामने पेश करने का है।

भारतीय संस्कृति को एक नए रूप से सब के सामने पेश करने का है।
झांसी में पहली बार हमारे भारतीय परिधान साड़ी के साथ एक विशेष फोटो शूट झांसी किले पर ग्वालियर के एक ग्रुप जिसका नाम #सॉरी नॉट सोरी है ने किया इस ग्रुप का विषेश उद्देश्य हमारी भारतीय संस्कृति को एक नए रूप से सब के सामने पेश करने का है।
इस ग्रुप की फाउंडर रिचा शिवहरे ने बताया कि जैसे वह अपने ससुराल ग्वालियर शहर में ऐसे शूट करती रहती हैं जहां पर वह सारी, नारी और शहर की खूबसूरती वह हमारी भारतीय संस्कृति को बड़ी ही प्रभावशाली तरीके से हमारे आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए सबके सामने अलग-अलग संकल्पना के माध्यम से सबके सामने लाती रहती हैं। बस उसी सोच से उन्होंने पहली बार हमारी झांसी शहर में भी ऐसा ही एक शूट करा जिसमें विशेष ध्यान दिया गया हमारे शहर की पहचान झांसी किले को , शूट के पीछे मकसद था कि कैसे हम अपने किले की ऐतिहासिक विषेशता , खूबसूरती व अपनी भारतीय संस्कृति को जोड़कर लोगों के सामने पेश कर सकते हैं ।
इस फोटो शूट मे सभी नारीयो ने चंदेरी साड़ी पहनी जिसे बुंदेलखण्ड में ही बनाया जाता है.
इसमें उनका सहयोग दिया शहर के ही युवराज वर्मा जी ने जिन्होंने यह खूबसूरत प्रयास को अपने कैमरे में कैद किया व झांसी शहर की बहुत ही प्रभावशाली नारियां जैसे झांसी में पहली बार हमारे भारतीय परिधान साड़ी के साथ एक विशेष फोटो शूट झांसी किले पर ग्वालियर के एक ग्रुप जिसका नाम #सॉरी नॉट सोरी है ने किया इस ग्रुप का विषेश उद्देश्य हमारी भारतीय संस्कृति को एक नए रूप से सब के सामने पेश करने का है।
इस ग्रुप की फाउंडर रिचा शिवहरे ने बताया कि जैसे वह अपने ससुराल ग्वालियर शहर में ऐसे शूट करती रहती हैं जहां पर वह सारी, नारी और शहर की खूबसूरती वह हमारी भारतीय संस्कृति को बड़ी ही प्रभावशाली तरीके से हमारे आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए सबके सामने अलग-अलग संकल्पना के माध्यम से सबके सामने लाती रहती हैं। बस उसी सोच से उन्होंने पहली बार हमारी झांसी शहर में भी ऐसा ही एक शूट करा जिसमें विशेष ध्यान दिया गया हमारे शहर की पहचान झांसी किले को , शूट के पीछे मकसद था कि कैसे हम अपने किले की ऐतिहासिक विषेशता , खूबसूरती व अपनी भारतीय संस्कृति को जोड़कर लोगों के सामने पेश कर सकते हैं ।
इस फोटो शूट मे सभी नारीयो ने चंदेरी साड़ी पहनी जिसे बुंदेलखण्ड में ही बनाया जाता है.
इसमें उनका सहयोग दिया शहर के ही युवराज वर्मा जी ने जिन्होंने यह खूबसूरत प्रयास को अपने कैमरे में कैद किया व झांसी शहर की बहुत ही प्रभावशाली नारियां जैसे रिमझिम राय , डाॅ नीती शास्त्री ( शिक्षाविद/समाज सेविका) , रोनम राय( सोशल एक्टिविस्ट), शैली गर्ग(उघमी), डाॅ गरिमा शुक्ला ( डेंटिस्ट) , डॉ अर्चना लांजे मिसुरिया (डायरेक्टर कमला हास्पिटल) व ऋचा शिवहरे ( फाउंडर साडी ग्रुप/ स्टाइलिस्ट/ समाज सेविका/ इनवरमाईटलिसट) खुद भी शामिल हुई।।